Friday, April 16, 2010

श्रीविद्या: श्री मातरे नमः

कामो योनिःकमला  बज्रपाणिः      
गुहा हसा  मातरिश्वा  भ्रमीन्द्र 


पुनर्गुहा सकला मायया च
पुरुच्येषा विश्वमातादी विद्योम
*****************************************
शिवःशक्तिःकामःक्षितिरथ रविःशीतकिरणः 
स्मरो हंसः शक्रस्तदनु  च परामारहरयः 


अमी हृल्लेखाभिस्तिसृभिरवसानेशु घटिता 
भजन्ते वर्णाःस्ते तव जननि नामावयवताम